कामसूत्र- जानकारी
वात्स्यायन द्वारा रचित कामसूत्र न केवल सेक्स के बारे में जानकारी देता है बल्कि रहन-सहन के साथ जीवन के सभी पहलुओं को मार्गदर्शन देता है। सेक्स शिक्षा, सेक्स, संभोग, सेक्स के आसन, रतिक्रिया, जीवन का उद्देश्य आदि का वर्णन कामसूत्र में है।
वात्स्यायन द्वारा रचित कामसूत्र सभी वर्ग के लिए आज भी प्रासंगिक है, इसकी महत्ता में कमी नही आई है। बल्कि इसकी मांग निरंतर बढी है
कामसूत्र में सात खंड हैं जिनमे छत्तीस अध्याय और 1250 श्लोक हैं। इस ग्रंथ में संभोग तथा रतिक्रीड़ा के आसनों पर बहुत ही विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी है। यह शास्त्र हर काल में प्रासंगिक बन रहा है। इसके सूत्र आज भी उतने ही ताजा हैं जितने कि वात्स्यायन के काल में रहे थे।
कामसूत्र, सेक्स, यौवन: यह शब्द सुनते ही आम तौर पर लोगों के मन में अजीब विचार आने लग जाते हैं। इसका मुख्य कारण हमरे देश और समाज में सम्भोग व शारीरिक संबंधों के प्रति फैली गलत मानसिकता तथा सही जानकारियों का अभाव होना है।
वास्तव में प्रेम की उत्पत्ति सिर्फ मन या हृदय में ही नहीं होती शरीर में भी होती है। स्त्री-पुरुष यदि एक दूसरे के शरीर से प्रेम नहीं करते हैं तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करने का कोई महत्व नहीं। प्रेम की शुरुआत ही शरीर से होती है।और संभोग ही दाम्पत्य सुख-शांति की आधारशिला भी है।
कामसूत्र के बारे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह व्यक्ति के सामाजिक और निजी जीवन के हर भाग को समाहित करता है। यह वहां पहुंचता है जहां आमतौर पर व्यक्ति की दृष्टि नहीं पहुंचती। यह न केवल काम की बात करता है, बल्कि प्रेम की प्रवृत्ति, परिवार की भूमिका और परिवार की महत्ता आदि के बारे में भी विस्तृत चर्चा करता है।
दांपत्य जीवन का प्रारंभ करने वाले सभी लोगों को कामसूत्र को कम से कम एक बार तो अवश्य पढना चाहिए। कामसूत्र महज एक ग्रंथ अथवा सम्भोग पुराण मात्र नहीं है, बल्कि यह गृहस्थ जीवन को सही तरीके से जीने का सलीका भी बताता है। यह बताता है कि किस प्रकार आप अपने साथी के साथ कुछ बातों का खयाल रख नीरस संबंधों को आनंदमय और उत्साहपूर्ण बनाता है।
सम्भोग से पहले अपने सभी संकोचों और शर्म को दरकिनार कर दें। अपने साथी को भी अच्छा महसूस करने में सहायता करें। फिर अपनी साथी कि पोशाक को आहिस्ता से खोलें और अपने सीधे हाथ से पकड़ते हुए गले से लगायें। अब किसी हलके-फुल्के सामान्य विषय पर चर्चा करना शुरू करें। ध्यान रहे कि चर्चा के लिए कोई गंभीर विषय का चुनाव न करें। यह भी ध्यान रखें कि वार्तालाप में आपके साथी की भी बराबर भागीदारी बनी रहे।
कुछ आसनों का भी आनंद लें
ऐसा माना जाता है कि जब संभोग की चरम अवस्था होती है उस वक्त विचार खो जाते हैं। इस दशा में जो आनंद की अनुभूति होती है वह समाधि के चरम आनंद की एक झलक मात्र है। संभोग के अंतिम क्षण में होश में रहने से ही पता चलता है कि ध्यान क्या है।और निर्विचार हो जाना ही समाधि की ओर रखा गया पहला कदम है।
यदि आपके योंन जीवन में असंतुष्टि की स्थिति में हो तो संबंधों के ख़राब होने यहाँ तक की टूट जाने की नौबत आ जाती है। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि आप अपने साथी के साथ खुलकर बात करें और वर्तमान व भविष्य में हो सकने वाली समस्यों से बच सकें।
साथ ही कामसूत्र आपको इस बात की जानकारी देता है की किस तरह आप अपने दांपत्य जीवन में अपने साथी के साथ संबंधों में सामंजस बना कर उसे और अधिक खुशहाल, और रोमांचक बना सकतें हैं।
पार्टनर से कामसूत्र के बारे में ऐसे बात करें -
विश्वास जीतें:
विश्वास किसी भी रिश्ते की बुनियाद होता है। अगर आप साथ हैं तो बहुत जरूरी है कि आप एक दूसरे पर विश्वास करें। अगर आप एक दूसरे पर पूर्ण विश्वास नहीं करेंगे तो इसका असर आपके आपसी शारीरिक और मानसिक संबंधों पर भी पड़ेगा।
बेड पर ना करें बात:
सम्भोग क्रियाओं से पहले, बाद में या इसके दौरान इस मुद्दे पर बात करने से बचें। कोई उपयुक्त समय चुनें। आप इस चर्चा के लिए कोई प्राकृतिक स्थान भी चुन सकते हैं।
कामसूत्र पर चर्चा करें:
कामसूत्र के किसी भी आसन का अनुसरण करने से पूर्व अपने साथी के साथ इस पर खुलकर चर्चा करें। कामसूत्र पुस्तक को पूरी तरह पढ़ें। यदि आप कामसूत्र का पूरा आनंद लेना चाहते हैं तो उसे ठीक प्रकार से पढ़े ताकि उसके किसी भी आसन या जानकारी का आपको सही ज्ञान हो जाये और पूरा आनंद मिल सके। हो सके तो पुस्तक को अपने साथी के साथ पढ़ें। और प्रत्येक विषय पर चर्चा करें। इस प्रकार से आप दोनों के बीच सामंजस्य की स्थिति बनी रहेगी।
सहयोग की भावना रखें:
कामसूत्र आपके जीवन को सुखद बनाने की कुंजी है। इसका उद्देश्य मनुष्य के जीवन और संबंधों में मधुरता लाना है। इसलिए इसकी बताई किसी भी क्रिया में दोनों पक्षों में सहयोग होना बहुत आवश्यक है।
कामसूत्र की सच्चाई बतायें :
जिन्होंने कामसूत्र या कामशास्त्र नहीं पढ़ा वे इसे महज सेक्स या संभोग की एक किताब मानते हैं, जबकि कामसूत्र सिर्फ सेक्स की किताब नहीं है, बल्कि इसमें सेक्स के अलावा व्यक्ति की जीवनशैली, पत्नी के कर्त्तव्य, गृहकला, नाट्यकला, सौंदर्यशास्त्र, चित्रकारी और वेश्याओं की जीवन शैली आदि जीवन के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है।
कामसूत्र मानता है कि प्रेम की शुरुआत ही शरीर से होती है। दो आत्माओं के एक दूसरे को देखने का कोई उपाय नहीं है। कामसूत्र इसलिए लिखा गया था कि लोगों में सेक्स के प्रति फैली भ्रांतियां दूर हों और वे अपने जीवन को सुंदर बना सकें।