हम सभी लोगों ने कभी न कभी नाग वंश का नाम तो अवश्य ही सुना होगा परन्तु हम में से कितने लोग इसके पीछे की सच्चाई जानते है? अनुमानतः बहुत ही कम |
लोकोक्ति या किवदंतियों के अनुसार अगर आपको नाग वंश के बारे में जानना है तो इन्टरनेट पर काफी जानकारियां है एक लिंक मैं भी आपको देता हूँ.
इसके अलावा भी आपको कई जानकारियां मिल सकती हैं. परन्तु हम आपको दुनिया में मौजूद नाग वंश तथा उनके वंशजों के बारे में बताते हैं.
7 मंदिर

मंदिर का दृश्य गोला नदी से.

नाग वंशी परिक्रमा लगाते हुए.
ये कुछ फोटो मैंने आपके साथ शेयर की हैं . अब मैं इन सबके बारे में आपको विस्तार से बताता हूँ.
कुछ समय पहले मैं उत्तराखंड में स्थित एक प्रशिद्ध “हैडाखान मंदिर” गया था. मैं वह नवरात्रों में गया था. मंदिर बहुत ही भव्य आनंद दायक शांति युक्त है | चारो ओर हरियाली है ये मंदिर भीमताल की सीमा में गोला नदी में किनारे स्थित है | यहाँ कई आश्रम तथा धर्मशालाएं है |
यहाँ जाने का रास्ता भी पहाड़ी तथा आनंददायी है प्रकृति प्रेमियों के लिए इसका मजा है कुछ और है | यहाँ आने के बाद मैंने सभी मंदिर तथा आश्रम देखे सभी बहुत ही सुन्दर है नवरात्रियों में पूरा मंदिर विदेशियों से भरा हुआ था. मुझे ऐसा लग रहा था मानो में विदेश में हूँ परन्तु सभी विदेशियों ने भारतीय वस्त्र धारण किये थे जैसा की आप ऊपर दी हुयी फोटो में भी देख सकते हैं.
उनसे मुझे पता चला की नदी के पार सप्त मंदिर है जहा की आज हवन चल रहा है एक विदेशी ने मुझसे कहा ” you should go there and be a part of holy hawan” मतलब आपको वहाँ जाना चाहिए और पवित्र हवन का हिस्सा बनना चाहिए | ये सुनकर में स्तब्ध रह गया की कोई विदेशी मुझे हवन के बारे में बता रहा है?
मैं नदी पार करके प्रशाद और एक नारियल लेके वहाँ पर गया (मंदिर की फोटो मैंने ऊपर पोस्ट करी है ) नदी के एक किनारे ये मंदिर स्थित है बहुत ही शांति युक्त परिवेश है आम और कठहल के बड़े बड़े छायादार वृक्ष यहाँ के वातावरण को शुशोभित कर रहे थे. मेरा मन बहुत ही प्रसन्न था.
तत्पश्चात में भी हवन में बैठ गया मैंने देखा की सारा हवन विदेशी लोग ही कर रहे हैं भारतीय केवल कुछ ही पंडित हैं तब मेरे मन में बेचैनी हो गयी ये जानने की कि आखिर ये हो क्या और क्यों रहा है. पास बैठे एक भारतीय बाबाजी से मैंने इस हवन के बारे में पुछा तो जो उन्होंने मुझे बताया वो मैं आप सब को बता रहा हूँ.
ये वो बाबाजी है जिन्होंने मुझे इस पूरे हवन और उसके पीछे की सच्चाई बताई थी.
पहले मैंने सोचा की हैडाखान बाबाजी के विदेशी भक्त होंगे जो उनकी पूजा करने यहाँ आये हैं.
परन्तु मुझे बाबा ने कुछ और ही बताया जो इस प्रकार है.
“मैंने बोला :- बाबाजी नमस्कार |
“मैंने बोला :- बाबाजी नमस्कार |
बाबाजी :- नमस्कार बेटा |
मैंने बोला :- बाबाजी आज यहाँ ये क्या हो रहा है ?
बाबाजी:- हवन हो रहा है बेटा |
मैंने बोला:- पर बाबाजी हवन ये विदेशी लोग ही क्यू कर रहे है आखिर बात क्या है?
बाबाजी:- ये हवन नाग वंश के लोगों के बिना पूरा नहीं होता है ये जो विदेशी लोग है ये सब नाग वंश के वंशज है इनको हर साल नवरात्रियों में यहाँ बुलाया जाता है यज्ञ संपन्न करने के लिए |
ये सुनकर तो मैं बिलकुल ही स्तब्ध था पहले में सोचता था की नाग वंश कोई सापों का वंश होगा परन्तु ये सब देख कर मुझे समझ आया की नाग वंश के लोग भी हमारी तरह ही होते है |
इस बारे में मेरी बाबाजी से काफी चर्चा हुयी फिर उसके पश्चात वह एक भव्य भंडारा हुआ जहाँ मैंने भोजन किया.
उसके बाद कुछ विदेशी लोग “ॐ जय हैडाखान की” बोलने लगे | में चुप था तो एक विदेशी आया और मेरे से बोलने लगा की “बोलो ॐ जय हैडाखान की” मैंने बोला “ॐ जय शांति” उसने मुझे फिर टोका और बोला “no say ॐ जय हैडाखान की” |
तब मुझे समझ में आया और मैंने बोला “ॐ जय हैडाखान की”
और मैं मन ही मन हस रहा था की ये विदेशी लोग अब हमें सिखा रहे हैं.
ये सारी घटना बिलकुल सत्य है परन्तु मैं यह नहीं कह सकता की बाबाजी ने मुझे जो कुछ भी बताया वो बिलकुल सत्य हो परन्तु उनकी बातो से मुझे यही लग रहा था की ये सारी बातें सत्य हैं.
यहाँ से सम्बंधित सभी फोटो मेरे पास सुरक्षित है और इनपर पूर्ण रूप से मेरा अधिकार है.
यदि आपको इस संबध में कुछ पूछना हो या अपने सुझाव देने हों या आपको इसबारे में कुछ मुझसे भी ज्यादा पता हो तो आप कमेंट कर सकते है . मुझे बहुत ही ख़ुशी होगी.
धन्यवाद्.
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